तुम न तुम रह गए, हम न हम रह गए
अब तो रिश्तों के खाली भरम रह गए
साथ चलकर भी मंजिल वो पा न सके
जिनके पीछे सफर में कदम रह गए
न खुशी रह गई, न गम रह गए
तुम न तुम रह गए, हम न हम रह गए
अब तो रिश्तों के खाली भरम रह गए
अब तो एहसासों के बस कफन रह गए
मोहब्बत में कैसे कहें क्या मिला
चंद यादों के दिल में जख्म रह गए
तुम न तुम रह गए, हम न हम रह गए
अब तो रिश्तों के खाली भरम रह गए.
1 comment:
वही अंदाज़ है तेरा, वही तेवर अभी बाक़ी,,,
सफ़र में लाख हों ख़तरे, रहे ये दोस्ती बाक़ी
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