Saturday, October 29, 2016

शास्त्रों से संघ की जंग !

अब शास्त्रों और बीजेपी के खिलाफ होगी संघ परिवार की जंग...
2014 में अन्ना आंदोलन से पैदा हुए माहौल को घर-घर तक पहुंचाने वाले संघ के जिन स्वयं सेवको ने मोदी-मोदी के नारे गढ़े संभव है वही 2019 में मोदी के खिलाफ नारे गढ़ने आपके दरवाज़े पर पहुंचें। ख़बर आपको हैरान करने वाली है। लेकिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तैयारी इससे आगे की है। संघ ने सिर्फ अपना हाफ पैंट नहीं छोड़ा है, हाफ पैंट के साथ घिसी-पिटी पुरातनपंथी सोच को भी छोड़ने की तैयारी कर ली है। वेद-शास्त्रों के हर्फ-हर्फ को अपना जीवन कहने वाला संघ अब वेद-शास्त्रों के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत जुटाने लगा है। संघ परिवार ने पानी, मंदिर और श्मशान आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। संघ परिवार ने साफ कर दिया है कि पानी को लेकर जो जाति विभेद करने वाले शास्त्र हैं उन्हें वो नहीं मानेगा, संघ अब उन शास्त्रों को नहीं मानेगा जो ऊंच-नीच की बात करते हैं। इससे आगे बढ़ते हुए संघ परिवार ने गांव-गांव श्मशान आंदोलन चलाने की तैयारी की है। गांव-गांव अलग-अलग जाति-वर्ग के लोगों के श्मशान हैं। संघ परिवार अब एक ही श्मशान में सवर्ण, पिछड़ा वर्ग और दलित के दाह संस्कार के लिए मुहिम चलाने की तैयारी में है। इतना ही नहीं मुसलमानों के बीच पकड़ मजबूत करने के लिए संघ परिवार ने बड़ी रणनीति बनाई है। ये रणनीति राष्ट्रवाद की चाशनी में डूबी है और इसी चाशनी में संघी मुस्लिम तैयार किए जाएंगे। फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ खुद को एक ग़ैर राजनैतिक संगठन के केंचुल से बाहर निकालने की मुहिम चलाएगा और संभव है की राष्ट्रीय स्वयं संघ नाम से ही सियासी दल चुनावी मैदान में हो और फिर अपने सियासी मकसद के लिए उसे बीजेपी की बिसात पर उलझना नहीं पड़ेगा।

ये बजट अहम है क्योंकि हालात बद्तर हैं

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि ये बजट देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने ये बात यूं ही नहीं कही है। वर्ल्ड बैंक के अ...