मोहब्बत फिर इजाजत चाहती है
रवायत से बग़ावत चाहती है
मेरा दिल जो तेरे पहलू में है
उस दिल की हिफाजत चाहती है
रवायत से बग़ावत चाहती है
मेरा दिल जो तेरे पहलू में है
उस दिल की हिफाजत चाहती है
हज़ारों ख्वाहिशों को बज्म में पैबंद कर लूंगा
हज़ारों चाहतें अपनी नजरबंद कर लूंगा
तेरी आंखों के समंदर में खुदकुशी कर लूं
ऐसी ही कोई रवायत चाहती है
मोहब्बत फिर इजाजत चाहती है
हज़ारों चाहतें अपनी नजरबंद कर लूंगा
तेरी आंखों के समंदर में खुदकुशी कर लूं
ऐसी ही कोई रवायत चाहती है
मोहब्बत फिर इजाजत चाहती है
....असित नाथ तिवारी....