जन-गण-मन
अधिनायक जय हे
भारत
भाग्य विधाता है
भूखी
जनता रोटी मांगे
राजा
राष्ट्रवाद पगुराता है
कहे
विदर्भ जब पानी-पानी
जब
मराठवाड़े की सूखी जवानी
भूखे
बुंदेलों का रोना
राष्ट्रद्रोह
कहलाता है
राजा
राष्ट्रवाद पगुराता है
जंगल
छीनी, बेघर कबूतरा
जल-ज़मीन
से वंचित बिरसा
झारखंड
का पाहन रोता है, चिल्लाता है
राजा
राष्ट्रवाद पगुराता है
छत्तीसगढ़
का निजाम बेरहम
आदिवासियों
पर जुल्म-ओ-सितम
आंध्र
का सलवा-जुडूम हत्यारा
असम-बंग
को दंगों ने मारा
असहमत
हर सवाल पाक परस्त कहलाता है
राजा
राष्ट्रवाद पगुराता है
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