Sunday, April 23, 2017

वो भी बाबर तुम भी बाबर

बाबर ने तुड़वा दिया मंदिर
तुड़वा दी सीता रसोई भी
तुड़वा दी करोड़ों लोगों की अस्था
तुड़वा दिया राजा के न्याय का भ्रम भी
जब टूटा होगा मंदिर तब फैली होगी दहशत
करोड़ों लोगों की आंखों में फैली होगी वहशत
तब हुआ होगा एहसास रियाया होने का
तब राजा की ताक़त के सामने
जनता की लाचारी, बेबसी साबित हुई होगी
और फिर राजा होने के दंभ से
जब चुनी गई होगी मस्जिद की दीवार
तब और बड़ी हुई होगी दहशत
तब और पसर गई होगी वहशत
ठीक वैसे ही जैसे पसरी 6 दिसंबर 1992 को
ठीक वैसे ही जब भीड़ की ताक़त ने
गिरा दी थी मस्जिद बहुसंख्यक होने के एहसास के साथ
और बताई गई अल्पसंख्यक को उसकी औकात
उसकी डरी आंखों में देखे गए अपनी जीत के आंसू
आबादी में उसके कम होने को समझा गया उसकी कमज़ोरी
ठीक वैसे जैसे बाबर ने ढहाया होगा मंदिर
वैसे ही तो गिराई थी मस्जिद भी
तो फिर बाबर को ग़लत बताने वाले
उतने ही ग़लत हैं जितना बाबर रहा होगा
तो फिर बताइए आप बाबर से अलग कहां हैं
बाबर लुटेरा था तो लुटेरा हैं आप भी
बाबर आक्रांता था तो आक्रांता हैं आप भी
बाबर आतातायी था तो आतातायी हैं आप भी
बाबर नें मंदिर गिराया था तो मस्जिद गिरा गए आप भी

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