Sunday, February 18, 2018

भाजपा की महत्वाकांक्षा से कमजोर पड़ गए हिंदूवादी संगठन !

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के बागी तेवर अपनाने के बाद विहिप की एकता ख़तरे में पड़ गई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए विहिप में सिरफुटौव्वल की नौबत आई हो। विहिप की गुटबाजी देख राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सतर्क हो गया है।
बीजेपी को तोगड़िया पसंद नहीं
विहिप का नया संकट बीजेपी की नाराजगी से पैदा हुआ है। बताया जा रहा है कि बीजेपी को प्रवीण तोगड़िया रास नहीं आ रहे हैं और बीजेपी ने तोगड़िया की छुट्टी करने का सुझाव संघ को दे दिया है। हलांकि विहिप की तरफ से बीजेपी को ये समझाने की कोशिशें हो चुकी हैं कि फिलहाल तोगड़िया की छुट्टी से गलत संदेश जाएगा क्योंकि प्रवीण तोगड़िया ने बीजेपी के लिए बहुत काम किया है। बावजूद इसके बीजेपी अपने रुख पर कायम है और वो हर हालत में तोगड़िया की विहिप से छुट्टी पर अड़ी है।
क्या है विहिप का संकट ?
विश्व हिंदू परिषद का मौजूदा संकट कार्यकारी अध्यक्ष के चयन को लेकर पैदा हुआ है। बीजेपी के दबाव के बाद 29 दिसंबर को भुवनेश्वर में विहिप की एक्जीक्यूटिव बोर्ड और ट्रस्ट कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक में नए कार्यकारी अध्यक्ष का चयन होना था। विहिप की परंपरा के मुताबिक ट्स्ट कमिटी बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष के नाम का ऐलान करती है। लेकिन 29 दिसंबर की बैठक में ये परंपरा खतरे में पड़ गई। ट्रस्ट ने जैसे ही इसके लिए राघव रेड्डी के नाम का ऐलान किया वैसे ही बैठक में हंगामा हो गया। हंगामा करने वालों ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वी कोकजे का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग उठा दी। वी कोकजे फिलहाल विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इस हंगामे के बाद तीसरा गुट भी खड़ा हो गया और तीसरे गुट ने मौजूदा कार्यकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को ही एक और कार्यकाल देने की सिफारिश कर दी। हंगामे के बाद फिलहाल विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन टल गया है लेकिन, विवाद नहीं थमा है।
अब गेंद संघ के पाले में   
विहिप का गहराता संकट संघ के लिए मुश्किलें खड़ी करने लगा है। संघ और विहिप की कोशिश थी कि 29 दिसंबर को भुवनेश्वर में हुई बैठक में जो कुछ भी हुआ वो बाहरी दुनिया को पता न चले। लिहाजा प्रवीण तोगड़िया ने तो इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली लेकिन, जब तक ये मैसेज बैठक में मौजूद लोगों तक पहुंचता तब तक विहिप के ही प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार जैन ने मीडिया में कुछ बातें पहुंचा दीं। विहिप का संकट और संकट का सच पब्लिक डोमेन में पहुंचने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सतर्क हो गया है। संघ ने साफ कर दिया है कि विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन अब संघ के निर्देश पर होगा। अब संघ के सामने कई चुनौतियां हैं। संघ को बीजेपी की नाराजगी से भी बचना है और राघव रेड्डी के खिलाफ वी कोकजे की उम्मीदवारी से भी जूझना है। फिलहाल पहली बार ऐसी स्थिति विहिप में पैदा हुई है और संघ के सामने अपने ही घर में अपनों और गैरों में फर्क करने का वक्त आ गया है। 

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