Sunday, February 18, 2018

आतंकवदियों का गढ़ ही है पाकिस्तान, खतरे में है अवाम

दुनिया भर आतंक फैलाने वाले समूहों में सबसे ज्यादा समूह पाकिस्तान में सक्रिय हैं। इससे ये साफ होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बढ़ा पनाहगाह है। पाकिस्तान पोषित आतंकी समूह वैसे तो दुनिया के तमाम देशों में इंसानियत का कत्ल करने के लिए ही जाने जाते हैं लेकिन, उनके निशाने पर मुख्य रूप से भारत ही होता है। पाकिस्तान की पूरी राजनीति भारत की मुखालिफत पर टिकी है और जब कभी भी पाकिस्तान में चुनाव नजदीक आते हैं भारत-पाक सीमा पर आतंकी हमले, आतंकी घुसपैठ तेज हो जाती है।
  पाकस्तान में गली-मुहल्लों में आतंकी संगठन हैं। इस संगठनों की गिनती बेहद मुश्किल है। इन संगठनों में जो सबसे ज्यादा खतरनाक और पाकिस्तानी राजनीति को प्रभावित करने वाले हैं वो वहां की सेना के सहयोग से ताकत पाते हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम जैश-ए-मुहम्मद है।
 जैश-ए-मुहम्मद का चीफ आंतरराष्ट्रीय आतंकी मसूद अजहर है। इस आतंकी संगठन का गठन पाकिस्तान के बहावलपुर में 31 जनवरी 2000 को किया गया था। संगठन खड़ा करने से पहले ही मौलाना मसूद अजहर कुख्यात आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की मदद से ट्रेनिंग दिलवा चुका था। जैश-ए-मुहम्मद के गठन से पहले ही मौलना मसूद अजहर ने अपने आतंकियों के जरिए 1999 में भारत के विमान को हाईजैक कर लिया था। यात्रियों से भरे इस विमान को कंधार ले जाया गया था। यात्रियों की जान की कीमत वसूलते हुए इस आतंकवादी ने अपने तीन आतंकी साथियों को रिहा करवाया था।
   दुनिया के लिए खतरा बन चुका तालिबान भी पाकिस्तान की ज़मीन से ही खाद-पानी पाता है। 90 दशक में उत्तरी पाकिस्तान में तालिबान खड़ा हुआ। सबसे पहले इस संगठन ने धार्मिक आयोजनों के जरिए लोगों के दिमाग में जहर भरना शुरू किया। संगठन ने सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को संगठन में जगह दी है। 1990 के आसपास जब अफगानिस्तान से सोवियत संघ की सेना वापस जाने लगी तब इस संगठन ने अफगानिस्तान में अपनी जड़ें जमानी शुरू की।1994 में अफगानिस्तान में ये संगठन पूरी तरह से  काबिज हो चुका था। इस आतंकी संगठन ने बामियान में शांति का संदेश देने वाले बुद्ध की मूर्तियों को बमों से उड़ाया। बाद के दिनों मे अमेरिकी फौज ने जब इसे अफगानिस्तान से खदेड़ा तो पाकिस्तान ने इस संगठन को पनाह दी। आज भी इस आतंकी संगठन के पास 60 हजार से ज्यादा ट्रेंन्ड आतंकवादी हैं। पाकिस्तान के पेशावर में इस आतंकी संगठन का मुख्यालय है।
   इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक दुनिया अल्लाह ने बनाई है। और अल्लाह की बनाई इस दुनिया को उजाड़ने की कोशिश करने वालों में हाफिज सईद का नाम भी प्रमुखता से शामिल है। हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का चीफ है। 1990 में इस आतंकवादी गिरोह का गठन हुआ था। इस संगठन ने 2001 में भारतीय संसद पर हमला किया था। इस हमले के ठीक बाद 2006 में मुंबई में सीरियल बम धमाके में भी इसी संगठन की भूमिका था। 2008 में मुंबई में हुए हमलों में भी यही संगठन शामिल था। हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा नाम का एक दूसरा आतंकी संगठन भी खड़ा कर रखा है। पाकिस्तान को छोड़ कर दुनिया के ज्यादातर देश हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित कर चुके हैं।
   दुनिया के बड़े आतंकी समूहों में तहरीक-ए-तालिबान का नाम भी शामिल है। तहरीक-ए-तालिबान की स्थापना आतंकवादी बैतुल्लाह मसूद ने 2007 में की। तब इस संगठन में छोटे-बड़े 15 आतंकवादी गुट शामिल हुए थे। माना जाता है कि अभी इसमें 30 हजार ऐसे ट्रैंड आतंकी हैं जिन्हें पाकिस्तानी फौज की मदद से तैयार किया गया है। मौलाना फैजलुल्लाह फिलहाल इस आतंकी नेटवर्क का नेतृत्व कर रहा है।

 इसके अलावा पाक सेना की मदद से हक्कानी नेटवर्क और अल कायदा जैसे आतंकी संगठन भी पाकिस्तान की सरज़मीं पर खाद-पानी पाकर ऐंठ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि दुनिया इस सच को नहीं जानती। पूरी दुनिया को पता है कि दुनिया के सबसे ज्यादा खुंखार आतंकी और उनके संगठन पाकिस्तान में पनाह पाकर दुनिया भर में तबाही मचा रहे हैं। बावजूद इसके पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। 

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