Sunday, December 10, 2017

पाकिस्तान हमसे बेहतर, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे

पाकिस्तान को कोसने की आदतों ने भारत की कितनी कमियों पर पर्दा डाल दिया ये आपको पता तक नहीं चला। आप पाकिस्तान को कोसने में व्यस्त रहे और आपसे उसकी मोटी कीमतें वसूली जाती रहीं। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत एशिया का सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश है। इस मामले में पाकिस्तान की हालत भले ही बेहतर न हो लेकिन भारत से बहुत बेहतर है। रिपोर्ट बताती है कि भारत के 74 फीसदी लोगों ने माना कि सरकारी दफ्तरों से काम करवाने के लिए उनको रिश्वत देनी पड़ी है। जबकि पाकिस्तान के 64 फीसदी लोगों को ही सरकारी दफ्तरों के हाकिमों-बाबुओं को रिश्वत देनी पड़ी है। आप पाकिस्तान को कोसते वक्त इस बात का ध्यान रखिए कि वो भ्रष्टचार के मामले में आपसे कम बदनाम है। पनामालीक्स मामले में पाकिस्तान ने अपने प्रधानमंत्री पर कार्रवाई कर ली और हम जांच को दो कदम आगे भी नहीं बढ़ा सके। ऐसे में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट का महत्व काफी बढ़ जाता है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल वो संस्था है जो द ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर जारी करती है। ये दुनिया भर में करप्शन का अध्ययन करने वाली संस्था है। संस्था ने हाल ही में एशिया के 16 देशों में व्याप्त भ्रष्टाचार की रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वोटर आई कार्ड, निवास प्रमाण पत्र जैसे बेहद ज़रूरी दस्तावेजों के लिए भी रिश्वत ली जाती है। ये रिपोर्ट बताती है कि भारत में पुलिस थाने रिश्वत दफ्तर की तरह काम करते हैं।
   हालांकि, रिपोर्ट में बहुत सारी बातों का जिक्र नहीं है। लेकिन, सत्ता और कार्पोरेट कनेक्शन, नेता और ब्यूरोक्रेसी के नेक्सस की तरफ इशारा जरूर किया गया है।  ये बात 1963 में ही समजावादी नेता डॉ राममनोहर लोहिया बोल गए थे। 21 दिसंबर 1963 को संसद में हुई बहस के दौरान डॉ लोहिया ने कहा था कि सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट इस तरफ इशारे भी कर रही है। स्वीस बैंक के एक डायरेक्टर ने तो ये तक कह दिया था कि भारतीय गरीब हैं लेकिन भारत गरीब नहीं है। भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा है। ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है।
    या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है। या यूँ भी कह सकते हैं कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है।
   ऐसा भी कह सकते हैं कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते हैं। ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जायें तो 60 साल तक ख़त्म ना हो। यानी भारत को वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है।
   एक साल पहले 2016 में भी एशिया महादेश के सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों की सूची में भारत पहले नंबर पर ही था। फोर्ब्स द्वारा 18 महीने तक किए गए एक सर्वे में ये बात सामने आई थी। फोर्ब्स ने अपनी सूची में भारत को पहले नंबर पर रखा था तो पाकिस्तान को चौथे नंबर पर।

   तो मतलब साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनैतिक दलों के मंचों से चीख-चीख कर नारे लगाए जाते रहे और भीतर ही भीतर भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत की जाती रहीं। 

No comments:

ये बजट अहम है क्योंकि हालात बद्तर हैं

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि ये बजट देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने ये बात यूं ही नहीं कही है। वर्ल्ड बैंक के अ...